HINDI STORY FUNDAMENTALS EXPLAINED

hindi story Fundamentals Explained

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उसके अम्मी – अब्बू ने बकरी के बच्चे का सौदा सलीम से कर दिया।

जब पाकिस्तान के पागल बिशन सिंह को उसके गांव टोबा टेक सिंह से निकाल कर हिंदुस्तान भेजा जाता है तब वह दोनों देशों की सरहद पर मर जाता है.

Graphic: Courtesy Amazon This is the critically acclaimed satirical Hindi novel composed by Shrilal Shukla and printed in 1968. This Hindi fiction reserve provides a scathing critique on the socio-political landscape of rural India. Established while in the fictional city of Shivpalganj, the narrative unfolds through the eyes of the protagonist, Ranganath, a youthful person who returns to his ancestral village to Recuperate from an sickness.

पास ही वैद्यराज का घर था। वह संत को देख रहे थे। वैद्यराज दौड़ते हुए आए। उन्होंने बिच्छू को एक डंडे के सहारे दूर फेंक दिया।

एक गाँव में एक किसान रहता था। किसान खेती करने में व्यस्त था तभी उसकी पत्नी वहां आयी और उसके लिए खाना रख कर वहां से घर वापस चली गयी। जब किसान को फुर्सत मिली तो उसने खाना खाने की सोची। पर यह क्या। खाने का बर्तन खाली था। किसान को लगा की उसकी पत्नी ने उसके साथ मज़ाक किया है और वह नाराज़ हो गया। घर जा कर उसने अपनी पत्नी पर बहुत गुस्सा किया। पत्नी को भी कुछ समझ ना आया।

वह किसी को परेशान नहीं करता, छोटे बच्चे भी उसे खूब प्यार करते थे।

मोरल – एक साथ मिलकर रहने से बड़ी से बड़ी चुनौती दूर हो जाती है।

उसने राजा के बेटे को घटना सुनाई और उसे झरने के पास ले गया। वहां पहुंचने पर उन्होंने देखा कि शेर परी की गोद में सो रहा है। उन्होंने परी को महल में ले जाने का फैसला किया जबकि मंत्री का बेटा शेर के साथ ही रहा। थोड़ी देर बाद जब शेर उठा तो लड़के ने कहा कि उसका दोस्त परी को महल में ले गया है। शेर फिर हँसा और उससे कहा कि अगर राजा का बेटा सच्चा दोस्त होता तो वह उसे शेर के साथ कभी अकेला नहीं छोड़ता। फिर उसने तीन महान मित्रों- एक राजा, एक पुजारी और एक भवन निर्माता की कहानी सुनाना शुरू किया, जिन्होंने दोस्ती का सही अर्थ दिखाया और अंत तक हमेशा एक-दूसरे के साथ रहे।

भारत-पाकिस्तान के बंटवारे विभाजन पर अनेक कहानियां, उपन्यास, समाजशास्त्रीय-राजनीतिक विश्लेषण आदि लिखे गए, लेकिन सआदत हसन मंटो की कहानी – 'टोबा टेक website सिंह' इस विभाजन के पीछे सक्रिय राजनीति और सांप्रदायिकता के उन्माद की अविस्मरणीय, सार्वभौमिक, कालजयी क्लासिक बन गई.

एक दिन जब बरसात तेज हो रही थी। तभी सुरीली के बच्चों को जोर से भूख लगने लगी। बच्चे खूब जोर से रोने लगे, इतना जोर की देखते-देखते सभी बच्चे रो रहे थे। सुरीली से अपने बच्चों के रोना अच्छा नहीं लग रहा था। वह उन्हें चुप करा रही थी, किंतु बच्चे भूख से तड़प रहे थे इसलिए वह चुप नहीं हो रहे थे।

नैतिक शिक्षा – बच्चों के मनोबल को बढ़ाइए कल के भविष्य का निर्माण आज से होने दे।

लोग पटरियों पर कूड़ा फेंक देते और दीवार के सामने पेशाब भी करते थे, जिसके कारण वहां काफी बदबू आती थी। मुकेश को यह सब अच्छा नहीं लगता था।

वही साहित्यिक 'हिंदी' जो हिंदी के नाम पर शिक्षण संस्थानों में प्राइमरी से लेकर विश्वविद्यालयों तक लागू है और जिसमें लाखों हिंदी भाषी बच्चे परीक्षाओं में फ़ेल हो जाते हैं.

एक दिन मृगनैनी अपने मां के साथ घूम रही थी, तभी दो गीदड़ आ गए।

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